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फिल्म की कहानी 1847 से शुरू होती है जहां दक्षिण कन्नड़ा में बड़े साम्राज्य के एक राजा और उसका परिवार था जिसे उसकी प्रजा बहुत सम्मान करती थी इसके बावजूद भी राजा को आत्ममिक शांति नहीं थी, राजा का मन बहुत विचलित रहता था और उन्हें नींद तक नहीं आती थी जिसकी शांति के लिए राजा कई मन्दिर और साधुओं के पास जाते हैं पर कोई फायदा नहीं होता, आखिरकार एक पंडित राजा को बताते हैं कि राजा को एक यात्रा में अकेले जाना होगा जहां वो ऐसी शक्ति को ढूंढे जिससे उन्हें शांति मिल सके।
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जिसके बाद राजा उस यात्रा के लिए निकलते हैं पर किसी भी मंदिर या गुरु के पास उन्हें आत्मिक शांति नहीं मिलती और एक दिन वो जंगल में चले जाते हैं और उन्हें एक गग्गरा की आवाज सुनाई देती है, राजा उस आवाज से डरते नहीं हैं बल्कि उन्हें ऐसा लगता है कि कोई उन्हें प्यार से आवाज लगा रहा है, वो उसका पीछा करते हैं और उन्हें एक पत्थर दिखाई देता जिसके सामने वो अपनी तलवार समर्पण कर देते हैं और इसी क्षण में राजा को आत्मिक शांति मिलती है।
और वो उस पत्थर को अपने साथ ले जाना चाहते हैं लेकिन तभी वहां गांव के लोग आ जाते हैं और वो राजा से कहते हैं आपको जो भी लेजाना है ले जाइए पर आप हमारे देव पंजुरली को नहीं ले जा सकते।
तभी उनमें से एक आदमी के अंदर खुद देव पंजुरली आ जाते हैं और वो राजा से कहते हैं कि अगर तुम मुझे अपने साथ ले जाओगे तो इन गांव वालों की रक्षा कौन करेगा अगर तुम चाहते हो कि मैं तुम्हारे साथ आऊं तो तुम्हे गांव वालों को वहां तक जमीन देनी होगी जहां तक मेरी आवाज़ सुनाई दे तभी मैं तुम्हारे साथ आऊंगा जिससे तुम्हारी आत्मिक शांति बनी रहेगी और मेरे साथ गुलिगा(देव) भी आएंगे मगर ध्यान रखना अगर तुमसे कोई गलती होती है तो मैं तो तुम्हें माफ कर दूंगा पर गुलिगा तुम्हे माफ नहीं करेंगे।
ये सब सुनकर राजा मान जाते हैं और उन्हें अपने साथ ले जाकर स्थापित कर देते हैं और वहीं गांव वालों को बहुत सारी जमीन मिल जाती है, तभी से राजा सुखी और संपन्न जीवन जीते हैं।

फिर कहानी 1970 में आती है उसी गांव में भूताकोला हो रहा था जिसमें शिवा नाम के बच्चे के पिता देव नृत्य के लिए तैयार हो रहे होते हैं कोला के दौरान राजा के वंशज उन गांव वालों से जमीन वापस लेने आया होता है, वो कहता है कि वो सारी जमीन कोर्ट में जाकर सारी जमीन अपने नाम करा लेगा और उसी समय शिवा के पिता जो देव नृत्य कर रहे होते हैं उनके अंदर देव आते हैं और वो कहते हैं कि तुम्हारे वंश की आत्मिक शांति के लिए ये जमीन जमीन गांव वालों को दी गई थी।
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अगर तुम्हें जमीन चाहिए तो मिल जाएगी पर तुम्हारी आत्मिक शांति भी खत्म हो जाएगी। ये सब सुनने के बाद भी वो आदमी न तो देव को मान रहा था बल्कि वो ये तक बोल देता है कि ये बातें देव बोल रहे हैं या नृत्यक बोल रहा है। यह बात सुनकर देव गुस्सा हो जाते हैं और उस आदमी से कहते हैं कि तुम्हारा फैसला तो कोर्ट की सीढ़ी में ही हो जाएगा, रही बात मैं देव हूं या नृत्यक अगर आज के बाद मैं तुम्हें दिख गया तो मैं नृत्यक नहीं तो देव।
ऐसा कहकर शिवा के पिता मशाल लेकर जंगल की तरफ दौड़ लगा देते हैं और वो जंगल में अचानक से गायब हो जाते हैं, इस दिन के बाद शिवा के पिता को किसी ने नहीं देखा और राजा के उस वंशज की तो वो कोर्ट की सीढ़ी में खून की उल्टी कर के मर जाता है।
फिर कहानी 1990 में आती है जहां शिवा अब बड़ा हो चुका होता है कम्बड़ा(भैंस की रेस) में भाग ले रहा होता है इस रेस में शिवा अपनी भैंसो के साथ सबसे तेज भागता है और जीतना भी उसे ही चाहिए था लेकिन बेईमानी करके वहां के जमींदार को जीता दिया जाता है जिस वजह से शिवा जमींदार के लोगों से लड़ाई कर देता है हालांकि जमींदार गोल्डमेडिल और ईनाम शिवा को ही देते हैं और वो अपने आदमियों के ऐसे बेईमानी करने में गुस्सा भी करते हैं।
शिवा जमींदार(राजा का वंशज) का छोटा-मोटा काम कर दिया करते थे जैसे कि सुअर को मारना, पेड़ काटना इत्यादि जिसके बदले में जमींदार इन्हें कुछ रुपए, राशन या शराब दे दिया करता था, जीवन सही तरह से चल रहा था लेकिन नया फॉरेस्ट इंस्पेक्टर मुरली इनके नाम में दम करने लग गया था मतलब की वह गांव के लोगों को शिकार करने और पेड़ काटने से मना करने लग गया था।
फॉरेस्ट इंस्पेक्टर उनकी संस्कृति में भी विश्वास नहीं करता था और वो शिवा और उसके साथियों को शिकार करते हुए पकड़ना भी चाहता था ऐसे में शिवा का सामना एक-दो बार इंस्पेक्टर से हो भी जाता है और इनके बीच काफी झगड़ा भी हो जाता है, यहीं से ये एक-दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं।
यहीं से फॉरेस्ट इंस्पेक्टर इस जगह को रिजर्व फॉरेस्ट घोषित करने में लग जाता है। वहीं दूसरी तरफ शिवा को अपने पिता के गायब होने के सपने बार बार आने लगे थे और एक दी। शिवा को सपने में एक दिन जंगली सुअर दिखता है जिसने गगरा और ऐसे ही आभूषण पहने थे जिसका मतलब था कि वो कोई आम सुअर नहीं था। शिवा को कभी-कभी देव के सपने भी आने लगे थे।
कुछ समय बाद लीला (शिवा की प्रेमिका) गांव में वापस आती है और पता चलता है कि वो पुलिस ट्रेनिंग वगेरह भी लेके आई है, शिवा और लीला के बीच नजदीकियां बाद जाती हैं और शिवा जमींदार से बात करके लीला को पुलिस की नौकरी लगा देता है, अब नौकरी के पहले दिन ही इंस्पेक्टर सरकारी आदेश पे फॉरेस्ट एरिया को नापने गांव में आता है और वो अतिक्रमण भी रिपोर्ट करने वाला था यानी कि जिस जिस के घर गैरकानूनी तरह से बने हैं वो उनकी रिपोर्ट सरकार को देने वाला था।
ऐसे में गांव वाले इंस्पेक्टर से भिड़ने लगते हैं और शिवा वहा आ पहुंचता है और पुलिस से हथाफाई कर देता है इस लड़ाई में पुलिस वाले शिवा को बांध देते हैं और और सुधाकर के मजदूरों की मदद से अतिक्रमण वाली जगह को खोद कर मार्क कर लेते हैं इस घटना से सभी गांव वाले काफी परेशान ही गए थे यहाँ तक कि वो लीला को भी बुरा-भला कहने लगते हैं। क्योंकि लीला पुलिस के साथ थी, इस बात को जानने के बाद भी कि वो उसकी नौकरी का पहला ही दिन था।
इस मुश्किल को हल करने के लिए जमींदार एक वकील को लेकर आता है जो गांव वालों की जमीन के कागज को सत्यापित करेंगे या फिर उनके कागज़ बनवा देंगे कि वो वहीं रह रहे हैं। वकील एक-एक करके सबसे अंगूठे लगवाता है क्योंकि वहां ज्यादातर लोग अनपढ़ ही थे। इस दौरान इंस्पेक्टर जोर शोर से काम में लगा था, ऐसे में शिवा और उसके दोस्त रामपा, बुल्ला, लच्छू और नारू इंस्पेक्टर मुरली से पंगा लेने में लगे हुए थे मतलब की वो शिकार करने लगते हैं और पेड़ काटने लगते हैं ताकि इन सबसे इंस्पेक्टर का तबादला हो जाए।
इसके अलावा वो सुधाकर और जमींदार के लोगों से भी भिड़ जाता था हालंकि जमींदार का शिवा से कुछ खास ही प्रेम था मतलब की वो अपने दूसरे वैवाहिक संबंधों के वक्त भी शिवा को ही अपने रक्षक के तौर पे ले जाता था आमतौर पर वो दूसरों की अपेक्षा शिवा से अच्छा बरताव करता था जैसे कि उसे शराब पिलाना, पैसे देना इत्यादि।
Kantara Hindi Movie Download filmyzilla Mid Scene:

एक रात शिवा और उसके दोस्त छिपकर एक बड़े से पड़े को काट रहे थे जब सुधाकर इंस्पेक्टर को इनकी लोकेशन बता देता है और पुलिस फौरन वहां पहुंचती है और हड़बड़ी में वो बड़ा सा पेड़ पुलिस की गाड़ी के उपर गिर जाता है जिससे जीप में बैठे सभी लोग घायल हो जाते हैं इसके बाद शिवा पे अटेंप्ड टू मर्डर का चार्ज लग गया था और ऐसे में वो अपने दोस्तों के साथ जंगल में छिपकर रहता है पुलिस शिवा और उसके दोस्तों को ढूंढ रही थी।
जिसके चलते शिवा को छिप-छिपकर गांव में आना पड़ता था। ऐसे में ही एक बार शिवा लीला से मिलने आता है तो वो पकड़ा जाता है और ऐसे में उसको और उसके दोस्तों को जेल में भेज दिया जाता है और उस रात गुरुवा एकदम से उठकर जमींदार को फोन करके सब कुछ ठीक करने को कहता है और जमींदार कहता है कि वो सब कुछ ठीक कर देगा। लेकिन आने वाले समय में चीज़े बत से बत्तर हो रही थी।
Kantara Hindi Movie Download Climax :

शिवा और उसके दोस्त जेल में ही थे और पुलिस अभी भी उस जगह को रिजर्व फॉरेस्ट घोषित करने में लगी हुई थी। एक दिन जमींदार अपनी जीप में कहीं जा रहा होता है तो उसे गुरुवा दिखता है और वो उसे अपने साथ जीप में लेता है और एक जगह पर रोकता और बताता है कि कैसे ये जगह उसकी है और अगर गुरुवा चाहे तो वो उसे पांच एकड़ जमीन दे देगा बदले में उसे देव नृत्य के वक्त बस ये बोलना है कि गांव वाले सारी जमीन जमींदार को लौटा दें पर गुरुवा ऐसा करने से मना कर देता है।
गुरुवा कहता है कि देव ऐसा कभी होने नहीं देंगे और ऐसा सुनकर जमींदार गुरुवा को मार देता है फिर वो सुधाकर की मदद से गुरुवा की लाश को गांव में ठीक वहीं छोड़ता जहां भूताकोला हुआ करता था। गांव वाले गुरुवा को मारा हुआ देखकर बहुत परेशान हो जाते हैं और अगले दिन जमींदार इनके पास आकर सांत्वना जताने लगता है जैसे कि उसे कुछ पता ही नहीं की गुरुवा को किसने मारा है।
उसी तरफ इंस्पेक्टर को पता चलता है कि जमींदार ने वकील की मदद से गांव वालों की जमीन अपने नाम करा ली है और कानूनी रूप से वो जमीन अब जमींदार की हो चुकी है। गांव वाले पढ़े लिखे नहीं थे इसी बात का फायदा उठाते हुए जमींदार ने सारी जमीन अपने नाम करा ली। इंस्पेक्टर ऐसे में गांव वालों की मदद करने की सोचता है (जिससे पता चलता है की इंस्पेक्टर बुरा आदमी नहीं था वो बस जंगल को बचाना चाहता था)
गांव वाले गुरुवा की मौत की खबर जेल में शिवा तक पहुंचाते हैं जिसे सुनकर शिवा टूट जाता है, जिस दिन गुरुवा की मौत हुई थी उसी रात शिवा को एक सपना आया था जिसमे गुरुवा देव के रूप में उसके सामने रो रहा था इसके अलावा पूरी फिल्म में शिव को हमेशा गुरुवा के सपने आते थे। जमींदार को पता लगता है कि शायद इंस्पेक्टर उसके काम में टांग अड़ाए, तो वो शिवा को जेल से छुड़वाकर शिवा से ये कह देता है कि गुरुवा को इंस्पेक्टर मुरली ने मारा है।
ये सब सुनकर शिवा तुरंत लोहार के पास जाता है और अपनी तलवार की धार को तेज करता है ताकि वो इंस्पेक्टर को मार डाले।
लेकिन यहां लोहार शिवा को बताता है कि जिस दिन गुरुवा मारा गया था उस उसने गुरुवा को जमींदार के साथ जीप में देखा था और वापस आते वक्त अकेला था। यानी की गुरुवा को जमींदार ने मारा है। शिवा इस वक्त नशे की हालत में था मगर वो भी समझने लग जाता है।
इस बार की पुष्टि तब होती है जब जमींदार के लोग शिवा को भी मारने की कोशिश करते हैं जिनमे सुधाकर भी शामिल था। इस लड़ाई में शिवा उन पर भारी पड़ता है। इसके बाद वो जमींदार को उसके ही घर में जाकर धमकाता है। इसके बाद शिवा मोटरसाइकिल में अपने घर की तरफ जा रहा होता है तो उसे रास्ते में देव दिखते हैं जिससे उसका एक्सीडेंड हो जाता है फिर शिवा एक मशाल लेकर जंगल में जाता है जहां उसे फिर से वही गहनों वाला सुअर दिखाई देता है उसका पीछा करते हुए शिवा ठीक वहीं पर पहुंचता है जहां पर उसके पिता गायब हुए थे।
यहां शिवा को देव की आवाज सुनाई देती है जो की उसका मार्गदर्शन करते हैं इसके बाद शिवा गांव पहुंचता है जहां वो बहुत शांत सा दिखता है, शिवा गांव वाले को बता देता है कि गुरुवा को जमींदार ने मारा है। वहां इंस्पेक्टर भी होता है जो गांव वालों को समझाता है कि अगर वो जगह को रिजर्व फॉरेस्ट घोषित कर दिया जाए तो ये जगह जमींदार की भी नही हो पाएगी। उसके बाद कोर्ट में अर्जी देकर है गांव वाले यहां रह सकते हैं।
Kantara Hindi Movie Download End Scene :

वहीं दूसरी तरफ जमींदार अपने हथियार और आदमियों के साथ मिलकर गांव वालों पर हमला कर देता है जवाब में गांव वाले भी लड़ते हैं गांव वालों के साथ सिर्फ शिवा ही नहीं बल्कि इंस्पेक्टर भी था। यहां काफी भयंकर लड़ाई होती हैं जिसमें दोनों तरफ के कई लोग मारे जाते हैं और जमींदार ये सब देखकर मजे ले रहा था और लोगों अपनी बंदूक से मार भी रहा था यहां तक कि वो अपने आदमियों को भी मार दे रहा था। इस लड़ाई में शिवा का दोस्त बुल्ला भी मारा जाता है।
इस लड़ाई में एक समय ऐसा भी आता है कि सुधाकर भी जमींदार के खिलाफ हो जाता है और जमींदार के एक आदमी को मार गिराता है पर जमींदार सुधाकर को भी मार डालता है, शिवा जमींदार की तरफ लड़ने के लिए दौड़ता है मगर जमींदार का एक लम्बा और तगड़ा आदमी शिवा की गर्दन पकड़कर हवा में लटका देता है, ऐसे में शिवा का शरीर शान्त पड़ जाता है और ऐसा लगता है कि शिवा मारा गया।
शिवा की मौत के साथ जमींदार अपनी जीत घोषित करता है, तभी देव शिवा के पास आकर चिल्लाते हैं और शिवा खड़ा हो उठता है जो भी शिवा को मारने की कोशिश करता है शिवा उन्हें मार डालता है क्योंकि उसके अंदर गुलिगा देव आ चुके होते हैं, फिर देव खाने को खाना मांगते हैं गांव का एक आदमी उनके लिए खाना लाता है जिसे खा कर देव खुश हो जाते हैं फिर जमींदार का एक हट्टा कट्टा आदमी शिवा को मारने आता और शिवा को फिर से गर्दन पकड़कर हवा में लटका देता ऐसा लगता है कि शिवा मारा गया।
पर उस वक्त शिवा के अंदर देव थे। शिवा अचानक उठाकर एक घर की छत में चढ़ जाता हैं और वह से उस हट्टे कट्टे आदमी के उपर छलांग लगाता है और उसकी गर्दन घुमाकर मार डालता है और उसके बाद जमींदार से कहता है की शायद तुझे पंजुर्ली देव माफ कर दें पर मैं तुझे माफ नहीं करूंगा और ऐसा कहकर वो तलवार से जमींदार की गर्दन काट देता है।
इसके बाद भूताकोला का सीन दिखाया जाता है जहां शिवा नृतक के रूप में दिखाई देता है, इसमें देव गांव का भार इंस्पेक्टर और गांव वालों को सौंप देते हैं, और इस सीन में लीला को प्रेगनेंट दिखाया गया है जो कि शिवा का ही बच्चा है, शिवा नृत्य कर रहा होता है फिर शिवा ठीक अपने पिता की तरह जंगल की तरफ दौड़ता है और शिवा के अंदर आए देव और उसके पिता के देव एक दूसरे को नमस्कार करते हैं और वो अचानक से गायब हो जाते हैं और इसी के साथ मूवी खत्म हो जाती है।
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